गंगा किनारे मोरा गांव' फिल्म के खलनायक विजय खरे का निधन,भोजपुरी सिनेमा में शोक की लहर
भोजपुरी जगत में अभिनय की ऊंचाई को विजय जी ने नया आयाम दिया.
अमिताभ बच्चन भी इनके अभिनय क्षमता को देख कर प्रभावित थे.
पटना संवाददाता // भोजपुरी फिल्मों में विलेन का रोल निभाने के लिए मशहूर दिग्गज अभिनेता विजय खरे नहीं रहे. 15 दिसंबर को बेंगलुरु के कावेरी अस्पताल में उनका निधन हो गया. विजय खरे भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने कलाकार थे. विजय खरे कई वर्षों से किडनी के रोग से ग्रसित थे. पिछले 10 सालों से वह फिल्म इंडस्ट्री में बहुत अधिक सक्रिय नहीं थे, फिर भी उनके निधन ने भोजपुरी जगत में सूनापन पैदा कर दिया.
प्रभावशाली व्यक्तित्व थे: बिहार के फिल्मकार राजेश राज ने बताया कि विजय खरे को वह विजय भैया कहा करते थे. उनके साथ दूरदर्शन के सीरियल वज्जिकांचल में काम किया था. दूरदर्शन के इस प्रोग्राम के विजय खरे प्रोड्यूसर थे. निर्देशन का जिम्मा राजेश राज को दिया था. राजेश राज ने बताया कि "भोजपुरी जगत में अभिनय की ऊंचाई को विजय जी ने नया आयाम दिया. जिस प्रकार फिल्मों में विलेन का किरदार निभाया, उसके आगे अभिनेताओं के काम छोटे पड़ गए. उनका निधन भोजपुरी जगत के लिए अपूरणीय क्षति है."
भोजपुरी सिनेमा को ऊंचाई पर पहुंचायाः बिहार के फिल्मकार रवि राज ने बताया कि विजय खरे के साथ उन्हें काम करने का मौका तो नहीं मिला, लेकिन उनके काम को देखकर काफी सीखा है. 80-90 के दशक में भोजपुरी जगत में उन्होंने जो अभिनय किया, उसने भोजपुरी सिनेमा को उत्कर्ष दिया. अस्वस्थ होने के कारण पिछले कुछ वर्षों से वह फिल्म जगत में सक्रिय नहीं थे, लेकिन उनके अनुभव लोगों को प्रेरणा देती थी. उनका निधन भोजपुरी जगत के लिए बड़ी क्षति है.
अमिताभ के साथ भी किया था कामः अमिताभ बच्चन भी इनके अभिनय क्षमता को देख कर प्रभावित थे. अमिताभ बच्चन के साथ में फिल्म में काम किया. तब उनकी पहली फिल्म "रईसजादा" सन 1976 में रिलीज हुई थी. उस फिल्म के हीरो राकेश रोशन थे. जिसके बाद में शत्रुघ्न सिन्हा के साथ "कालका" जितेंद्र के साथ "बलिदान" धर्मेंद्र के साथ "लोहा" जैसी हिंदी फिल्मों में काम किया. उनकी पहली भोजपुरी फिल्म 1982 में रिलीज हुई थी. फिल्म का नाम था "गंगा किनारे मोरा गांव".